उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रोजगार की संभावनाओं की नए सिरे से तलाश करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। सरकारी विभागों में समूह 'घ' तक के रिक्त पदों का ब्योरा नए सिरे से तैयार करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल ने शुक्रवार को इस संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई है। 
कार्मिक विभाग ने सरकारी विभागों में समूह 'घ' तक के पदों का ब्योरा जुटाने के लिए सभी विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव को पत्र भेजकर रिक्तियों के बारे में जानकारी मांगी है। इसमें राज्य सरकार के अधीन सभी विभागों में समूह 'क', 'ख', 'ग' व 'घ' के पदों के बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है। इसमें पूछा गया है कि उनके यहां इस संवर्ग में कितने पद सृजित हैं और इसमें कितने भरे और खाली हैं
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक की अध्यक्षता में शुक्रवार को इस संबंध में 1 बजे बैठक होगी। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक ने कहा है कि किस विभाग में कितने पद हैं और इसमें से कितने खाली हैं, इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है। कार्मिक विभाग के पास इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसीलिए विभागों की बैठक बुलाकर इसके बारे में जानकारी मांगी गई है।
 सहकारिता विभाग की भर्तियों में हाल के वर्षों में हुए घोटाले के बाद राज्य सरकार ने भर्ती संस्थान सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के अधिकारों को सीमित कर दिया है। कार्मिकों की भर्ती के लिए मुंबई की संस्था इंडियन बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन बोर्ड (आईबीपीएस) तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के माध्यम से कराई जाएंगी।
इसके लिए उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम में बदलाव कर दिया गया है। इस बदलाव के साथ ही प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामीरेड्डी ने शासनादेश जारी कर दिया है। संशोधन के मुताबिक अब सहकारी संस्थागत सेवा मंडल सीधी भर्ती के तहत उ.प्र. राज्य सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंकों और सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों से अधियाचन लेगा। अधियाचन लेने के बाद मुंबई की संस्था इंडियन बैंकिंग सेलेक्शन बोर्ड को भेजेगा। भर्ती की समस्त प्रक्रियाएं इसी संस्था के द्वारा पूरी की जाएंगी। सेवा मंडल की भूमिका महज मध्यस्थ की होगी।