जासं, कासिमाबाद (गाजीपुर) : काफी दिन से जिले में घूम रहा तेंदुआ आखिरकार बुधवार को वन विभाग के गिरफ्त में आ ही गया। नोनहरा थाना क्षेत्र के हब्बासपुर गांव में दस घंटे की मशक्कत के बाद जिले व गोरखपुर की वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर पकड़ लिया। इस दौरान तेंदुआ के हमले से वन रेंजर जितेंद्र यादव व सदानंद बिद गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि सीओ कासिमाबाद की बहादुरी से इनकी जान बच गई। मौके पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य भी पहुंच गए।
नोनहरा थाना क्षेत्र के शक्करपुर हब्बासपुर गांव के सिवान लोगों ने तेंदुआ को बुधवार को तड़के देखा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाना नोनहरा और वन विभाग के अधिकारियों को देने के साथ ही घेरा बना रखा था। वन विभाग के अधिकारियों ने खेत को चारों तरफ से जाल लगाकर घेर दिया। इसके बाद ड्रोन कैमरे से देखा तो खेत में तेंदुआ घूम रहा था। तेंदुआ को देखते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई और इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दिए। इसके बाद गोरखपुर से वन विभाग की टीम बेहोश करने वाली ट्रेंकुलाइजर गन लेकर मौके पर पहुंची। स्पेशल टीम ने भी अपना जाल लगाकर तेंदुआ को पकड़ने के लिए पूरी तरह से घेराबंदी कर दिया। उसके बाद भी तेंदुआ जाल से निकलकर हब्बासनगर की तरफ भाग गया। हब्बासनगर बागीचे में टीम गन लेकर उसकी तलाश में जुट गई। जैसे ही वह दिखा उस पर फायर झोंक दिया। गन शाट उसे ठीक से नहीं लगा जिससे वह पूरी तरह बेहोश नहीं हो पाया। उसे पकड़ने गए दो रेंजरों पर तेंदुआ ने हमला कर पंजे से घायल कर दिया। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। सभी घायलों को तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। मौके पर डीएफओ जीसी त्रिपाठी अपनी टीम के साथ पूरे दिन डटे रहे।
बेहोशी की गोली लगने के बाद तेंदुआ काफी हमलावर हो गया। सही से बेहोश नहीं होने के कारण वह दोनों वन रेंजर पर झपट्टा मारते हुए हमला कर दिया। इससे वह लहूलुहान हो गए। यह देखकर सभी डर गए और पीछे हट गए, यहां तक वन विभाग की टीम भी सहम गई। तभी मौके पर तैनात सीओ कासिमाबाद महमूद अली स्वयं जाल लेकर उसकी ओर कूद गए जिसमें वह फंस गया। अगर सीओ ने तत्परता नहीं दिखाई होती तो दोनों वन रेंजर की जान बचाना मुश्किल हो जाता।