50 की उम्र में कैसे दिखें 25 साल के, स्वामी रामदेव से जानिए यंग रहने का सीक्रेट फॉर्मूला
स्वामी रामदेव के अनुसार स्वस्थ्य जीवन और लंबी उम्र के लिए 4 चीजें सबसे जरूरी है। वो है आहार, विचार, विश्राम और परिश्रम। इसलिए इन चीजों में ध्यान देना जरूरी है। जिससे आप हमेशा स्वस्थ्य औऱ निरोगी रहेंगे।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, भूलने की बीमारी, थकान, स्किन की लालिमा गायब होना आदि समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में आपकी योग मदद कर सकता है। योग के द्वारा आप 100 साल तक शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। इसके साथ ही आपकी स्किन भी हमेशा जवां रहेगी।
स्वामी रामदेव के अनुसार स्वस्थ्य जीवन और लंबी उम्र के लिए 4 चीजें सबसे जरूरी है। वो है आहार, विचार, विश्राम और परिश्रम। इसलिए इन चीजों में ध्यान देना जरूरी है। जिससे आप हमेशा स्वस्थ्य औऱ निरोगी रहें।
उम्र को रोकना तो आपके हाथ में नहीं है लेकिन बढ़ती उम्र में होने वाले रोगों से तो खुद को बचाया ही जा सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए कुछ बेहतरीन योगासन, प्राणायाम और कुछ औषधियों के बारे में।
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। सामान्य व्यक्ति 3 बार 5-5 मिनट करें।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर
उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।
नाड़ी शुद्धि प्राणायाम
यह प्राणाायाम भी अनुलोम -विलोम की तरह होता है। लेकिन इसमें सांस को थोड़ी रोककर रख सकते हैं। इसके बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकालें और बाएं नाक से हवा अंदर भरें। इससे शरीर के अंदर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।
सूर्य नमस्कार- इस आसन को करने से पूरा शरीर लचीला होता है। इसके साथ ही शरीर निरोगी होने के साथ चेहरा चमकदार होता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। सूर्य नमस्कार 24 बार करने से कम से कम 400 कैलोरी बर्न होता है।
हमेशा जवां रहने के लिए करें ये योगासनशीर्षासन- इस आसन को 5 मिनट करें। इससे झाईयों से निजात मिलने के साथ आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिलेगी।
सर्वांगसान- अगर आप शीर्षासन नहीं कर पा रहे हैं तो इस आसन को कर सकते हैं। इसे करने से थायराइड के साथ-साथ कई समस्याओं से निजात मिलता है।
हलासन- इस आसन को ये नाम किसान के हल के समान आकृति होने के कारण मिला है, जो मिट्टी को खेती से पहले खोदने के काम आता है इस आसन को करने से पूरा शरीर लचीला होता है।
- सुबह-सुबह आंवला और एलोवेरा जूस का सेवन करें।
- गिलोय का जस पिएं।
- स्किन को जवां रखने के लिए एलोवेरा जेल लगाएं।
- बालों को मजबूत और काले रखने के लिए सरसों का तेल या फिर नारियल का तेल लगाएं।
- आंखों को हेल्द रखने के लिए शहद डाल सकते हैं।
- अंकुरित दालों का सेवन करें।
- कच्ची चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
- अखरोट, बादाम सेहत के लिए फायदेमंद।
- दूध या दही का सेवन जरूर करें।
- रोजाना कम से कम 2 चम्मच घी का सेवन करें।
- ऑयली चीजों से रहें दूर।
- उठने , खाने, सोने का समय निर्धारित करें।
- ठंडा या नॉर्मल पानी की बजाय गर्म पानी पिएं।
- आंवला का मुरब्बा खाएं।
- दूध में हल्दी, शीलाजीत और अश्वगंधा डालकर सेवन करें।
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